Oil mill business in hindi: हमारी मूलभूत आवश्यकतों में तेल (Oil) का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी रसोई का आधार खाद्य तेल (edible oil) है। तेल का उपयोग खाने बनाने से लेकर कई प्रकार दवाओं और स्वास्थ्य में होता है। भारत में खाद्य तेलों की मांग बहुत ज्यादा है।
हमारे देश में ऑयल मिल का बिज़नेस (oil mill business) बड़े पैमाने पर स्थापित है। आपको हर गांव में ऑयल मिल दिख जाएंगे। यदि आप भी कम लागत में एक अच्छा व्यवसाय करना चाहते हैं, तो ऑयल मिल यानी तेल की मिल का व्यापार बड़े आसानी से कर सकते हैं।
तेल की मिल का व्यापार कैसे शुरू करें (How To Start Oil Mill Business, raw material, machine In Hindi)
तेल का उपयोग लोग बहुत करते हैं, जिसके कारण विभिन्न प्रकार के तेलों की मांग बहुत अधिक है। यह व्यवसाय हमारे देश में बहुत सफल है, इसलिए आप चाहें तो तेल बेचने का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और एक व्यवसायी बन सकते हैं। हालांकि, तेल मिल खोलने से पहले आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि मिल कैसे खोली जाती है और किस प्रकार के बीज से तेल निकाला जाता है।
बाजार में बिकने वाले तेल (Type of oil in Market)
भारत की घर पर खाना बनाना कई तरह के तेलों का इस्तेमाल किया जाता है, जहां कुछ लोग सरसों के तेल में पकाते हैं तो कुछ जैतून के तेल में। वहीं तिल के तेल का इस्तेमाल बालों में लगाने के लिए किया जाता है। ऐसे में घरों में अन्य तरह के तेलों का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यानी इस बिजनेस को शुरू करते वक्त आपके पास कई तरह की ऑयल मिल खोलने का विकल्प होगा.
क्या होती है तेल की मिल (What is Oil Mill)
तेल मिल में बीजों को पीसकर उनसे तेल निकाला जाता है और फिर उस तेल को बोतलों में भरकर बेचा जाता है। हालांकि मिल शुरू करने से पहले आपको कई तरह की मशीनें खरीदनी होती हैं और तय करना होता है कि आप कौन सा तेल बाजार में बेचना चाहते हैं और कौन सा तेल मिल शुरू करना चाहते हैं, जैसे सरसों का तेल, जैतून का तेल, तिल का तेल आदि।
व्यापार स्तर
- किसी भी प्रकार की मिल में प्रतिदिन मीट्रिक टन के हिसाब से तेल निकाला जाता है और यह व्यवसाय आप छोटे पैमाने के उद्योग, मध्यम स्तर के उद्योग और बड़े पैमाने के उद्योग में शुरू कर सकते हैं.
- तेल निकालने वाली मिलों में प्रतिदिन 5 से 10 मीट्रिक टन तेल निकाला जाता है, वे लघु उद्योग के अंतर्गत आते हैं, जिस मिल में 10 से 50 मीट्रिक टन तेल निकाला जाता है, वे मध्यम स्तर के उद्योग के अंतर्गत आते हैं और जो मिलें अधिक निकालती हैं 50 मीट्रिक टन से अधिक तेल, वे बड़े पैमाने के उद्योग के अंतर्गत आते हैं।
तेल की मिल के लिए कच्चा माल (Raw Material for oil Mill) –
सरसों, सूरजमुखी, कपास और आदि बीजों से आप जिस भी बीज का तेल निकालना चाहते हैं, वह बीज आपको बीज बेचने वाले या किसान से खरीदना होगा।
आप चाहें तो इन बीजों को बाजार से खरीदने के बजाय खुद लगाकर बीज प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि आपको स्वयं बीज उगाने में कुछ समय लग सकता है।
व्यापार के लिए मशीनें (Equipment for oil business)
कई प्रक्रियाओं के बाद बीजों से तेल निकाला जाता है और प्रत्येक प्रक्रिया के दौरान विभिन्न प्रकार की मशीनों का उपयोग किया जाता है, जैसे स्क्रू एक्सपेलर, कुकर और फिल्टर प्रेस मशीनों का उपयोग विभिन्न चरणों में किया जाता है।
वहीं आप अपने तेल निकालने के व्यवसाय को करने के लिए पूरी तरह से स्वचालित मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं या सेमी-ऑटोमैटिक मशीन के जरिए भी तेल निकाल सकते हैं. ये मशीनें https://dir.indiamart.comऔर https://www.tradeindia.com आप लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं। और इन मशीनों की कीमत इनकी क्वालिटी के हिसाब से तय होती है.
तेल निष्कर्षण की प्रक्रिया (Oil extraction process)
तेल निकालने की पूरी प्रक्रिया कई चरणों में की जाती है और मशीन की मदद से किसी भी प्रकार के बीजों से तेल निकाला जाता है।
- सही बीज का चुनाव करना (seed Selection) – आप जिस भी बीज का तेल निकालना चाहते हैं, वह बीज उत्तम होना चाहिए। इसलिए इन्हें खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये न तो टूटे हों और न ही सूखे हों और उन्हीं बीजों का चुनाव करें जिनकी गुणवत्ता अच्छी हो।
- गंदगी को साफ करना (Pre–cleaning), किसी भी चीज से इसका बीज निकालते समय बीज में कई तरह के पत्थर, मिट्टी और अन्य चीजें भी मिल जाती हैं। इसलिए इनका तेल निकालने से पहले आपको इनमें से इस तरह की चीजों को हटाना होगा। क्योंकि अगर बीज के साथ-साथ पत्थर और मिट्टी जैसी चीजें भी कुचली जाएंगी तो तेल की गुणवत्ता तो खराब होगी ही, साथ ही ये पत्थर भी आपकी मशीन में फंस सकते हैं, जिससे मशीन खराब भी हो सकती है. इसलिए एक बार अच्छे बीजों का चुनाव कर लेने के बाद उन्हें अवश्य ही साफ कर लेना चाहिए। वहीं आप इन बीजों को हाथ से भी साफ करवा सकते हैं या मशीन की मदद से भी साफ कर सकते हैं.
- डिकॉर्टीसेशन (Decortication) इस प्रक्रिया के दौरान बीजों में मौजूद भूसी को साफ किया जाता है और इसके लिए फूंक मारी हवा का उपयोग किया जाता है। साथ ही बीजों से भूसी निकालने के बाद उनकी कंडीशनिंग की जाती है।
- बीज कंडीशनिंग बीजों की कंडीशनिंग करके उनसे अधिक तेल निकाला जाता है और इस प्रक्रिया के तहत उन्हें रोलर्स के अंदर डाला जाता है। दरअसल बेलनों से गुजरने के कारण बीज की कोशिकाएं तेल को सोख लेती हैं और तेल की सूक्ष्म बूंदें उनमें मिल जाती हैं, जिससे बीज से तेल आसानी से और जल्दी निकाला जा सकता है।
- बीज ताप कंडीशनिंग के बाद आपको बीज को गर्म करना होता है, ताकि उसमें मौजूद हर तरह के बैक्टीरिया नष्ट हो सकें। हालांकि, प्रत्येक बीज के लिए विभिन्न प्रकार की नमी की स्थिति और तापमान की आवश्यकता होती है। इसलिए जिस बीज से आप तेल निकाल रहे हैं, उसके हिसाब से आपको तापमान तय करना होगा।
- तेल निकालना- ऊपर बताई गई प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीजों से तेल निकाला जाता है और इस प्रक्रिया के अंदर उन्हें मशीन में डाला जाता है और मशीन से पीस लिया जाता है। इन्हें पीसते समय जो तेल निकलता है वह एक जगह इकट्ठा हो जाता है।
- छानने का काम (filtration), पिसे हुए बीजों का कुछ अवशेष निकाले गए तेल के अंदर रह जाता है। इसलिए तेल निकालने के बाद इसे छान लिया जाता है, ताकि इसे पूरी तरह से साफ किया जा सके। तेल साफ करने के बाद भी उसमें कई तरह के रासायनिक पदार्थ मौजूद होते हैं, जो रासायनिक प्रक्रिया के अंदर साफ हो जाते हैं।
ऊपर बताई गई सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपका तेल बाजार में बिकने के लिए तैयार है और आप इसे बोतलों में भरकर बेच सकते हैं। वहीं, इन बोतलों को आपको किसी मर्चेंट से बनवाना होगा और साथ ही आपको इन बोतलों पर लेबलिंग भी करवानी होगी।
लाइसेंस और प्रमाणीकरण (Licenses And Certification) –
ऑयल मिल शुरू करने से पहले आपको कई तरह के लाइसेंस और सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है और लाइसेंस और सर्टिफिकेशन मिलने के बाद ही आप अपना तेल बाजार में बेच सकते हैं। भारत सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों से संबंधित दो प्रकार के लाइसेंस दिए जाते हैं। जिनमें से एक को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और दूसरे को लाइसेंस एफएसएसएआई इसके अलावा जिस राज्य में आप यह व्यवसाय शुरू कर रहे हैं उस राज्य की सरकार से आपको कई प्रकार के लाइसेंस प्राप्त करने पड़ सकते हैं।
लोकेशन (location for business)–
आप अपनी मिल ऐसे स्थान पर खोलते हैं जहाँ परिवहन की सुविधा अच्छी हो और कच्चे माल को कारखाने तक पहुँचने में अधिक समय न लगे तथा परिवहन में भी आपको अधिक व्यय न करना पड़े। इसके अलावा अगर आप अपनी फैक्ट्री खोलने के लिए जगह की तलाश कर रहे हैं तो आप अपने शहर के किसी भी लोकल साइट में देख सकते हैं कि किन-किन जगहों पर फैक्ट्री किराए पर दी जा रही है।
बिजनेस प्लान तैयार करना (Business Plan)
मिल शुरू करने से पहले आपको एक बिजनेस प्लान भी तैयार करना होगा और उस प्लान में आपको लिखना होगा कि मिल कैसे खुलती है और इस बिजनेस से जुड़े जोखिम क्या हैं। ताकि आपको पता चल सके कि इस बिजनेस को कैसे सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है.
मिल शुरू करने से जुड़ी जरूरी बातें-
- तेल को छानने के बाद यह केवल 18 महीने तक ही अच्छा रहता है। इसलिए आपको तेल बेचने के लिए एक अच्छा नेटवर्क तैयार करना होगा। ताकि जैसे ही आपका तेल तैयार हो जाए आप उसे तुरंत थोक विक्रेताओं के माध्यम से बाजार में बेच सकें।
- जिन लोगों को आप हायर करेंगे, आपको उन्हें कुछ दिनों तक तेल निकालने का प्रशिक्षण देना होगा। ताकि वे मशीनों को ठीक से चला सकें और उन्हें तेल निकालने में कोई दिक्कत न हो.
- आप जिस बीज से तेल निकालना चाहते हैं, उस बीज के हिसाब से आपको मशीन खरीदनी होगी। यानी अगर आप मूंगफली का तेल निकालना चाहते हैं, तो आपको मूंगफली शेलर मशीन की जरूरत होगी, जबकि बिनौला तेल निकालने के लिए डिस्क हलर की जरूरत पड़ेगी।
- आप इस व्यवसाय को और बढ़ा सकते हैं और एक प्रकार के बीज के तेल को बेचने के अलावा आप दो या तीन प्रकार के बीजों के तेल को भी बेच सकते हैं और अधिक लाभ कमा सकते हैं। हालांकि आपको इस बिजनेस को तभी और बढ़ाना चाहिए जब आपको मुनाफा होने लगे।
FAQ
तेल की मील शुरू करने के लिए कितना इन्वेस्टमेंट लगाना पड़ता है?
यदि कोई व्यक्ति तेल की मील का बिजनेस शुरू करना चाहता है तो ऐसे में व्यक्ति को काफी उच्च इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता होती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 50 लाख से एक या दो करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट व्यक्ति को लगाना होता है तब जाकर तेल की मील का पूरा सेटअप तैयार होता है। या हो सकता है कि यदि व्यक्ति अपने बिजनेस को और अधिक मॉडिफाई करना चाहें तो ऐसे में व्यक्ति को ज्यादा इनवेस्टमेंट की भी जरूरत पड़ सकती है।
तेल की मील का बिजनेस शुरू कर के व्यक्ति कितना पैसा कमा सकता है?
यदि व्यक्ति अपने खुद की मिल का बिजनेस शुरू कर दे तो उसके बाद पैसा कितना कमाए इसके बारे में ज्यादा जानकारी लेने की जरूरत नहीं रहती है। क्योंकि मिल का बिजनेस शुरू होने के पश्चात व्यक्ति की कमाई भी बहुत बेहतरीन होना शुरू हो जाती है। यदि व्यक्ति 50 नाक से एक या दो करोड़ के इन्वेस्टमेंट पर अपना बिजनेस शुरू करता है तो ऐसे में व्यक्ति 5 लाख से 10 लाख रुपए प्रति महीना आराम से कमा सकता है।
क्या तेल की मील का बिजनेस शुरू करने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है?
जी हां, इस बिजनेस को शुरू करने के लिए व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ व्यक्ति को खाद्य पदार्थ डिपार्टमेंट से FSSAI का लाइसेंस देना भी जरूरी होता है।
क्या तेल की मील के बिजनेस में नुकसान होने के चांस रहते हैं?
इसके बारे में पहले से सटीक कहना मुश्किल है। यदि आपके द्वारा उत्पादित तेल कि क्वालिटी अच्छी नहीं है या पैकेजिंग अच्छी नहीं है। ऐसे में आप का प्रोडक्ट बाजार में फ्लॉप हो सकता है। इसके अलावा मेंटेनेंस और प्रोडक्ट का उत्पादन सही नहीं होने की वजह से भी बाजार में आपका व्यापार फ्लॉप चला जाएगा और आपको भारी नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष
तेल की मिल जहां पर अलग-अलग प्रकार के तेल रिफाइंड किए जाते हैं। खाने के तेल की मील यदि कोई व्यक्ति खोलता है तो व्यक्ति को आसानी से अच्छा मुनाफा हो सकता है। तेल की मील खोलकर व्यक्ति बिजनेस को उचित स्तर तक आसानी से ले जा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को तेल की मिल से उत्पादित तेल क्वालिटी का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।
आज के इस आर्टिकल में हमने बात की तेल के व्यवसाय को स्थापित करने की, उसके महत्व, जोखिम की, तेल के मिल का व्यवसाय कहां होना चाहिए, स्टाफ का चयन कैसे करें एवं तेल निकालने की प्रक्रिया क्या होती है।
उम्मीद करते हैं आपको यह लेख तेल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Oil Mill Business Ideas in Hindi) पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।